नशा तस्करों ने अपनाया नया तरीका, नशा तस्करी के लिए जीवनदान देने वाली एंबुलेंस का कर रहे इस्तेमाल ।

अल्मोड़ा– जिंदगी को बचाने के लिए भागने वाली एंबुलेंस में जिंदगी खत्म करने वाले पदार्थों को बरामद किया गया।अब नशा तस्कर ज़िंदगी बचाने के लिए भागने वाले साधन को नशा तस्करी के काम में उपयोग कर रहे हैं। अल्मोड़ा जिले की भतरौंजखान थाना पुलिस ने एक एंबुलेंस की चेकिंग की तो उसमें से 218 किलो गांजा बरामद हुआ है। एनजीओ के माध्यम से पौड़ी में संचालित इस एंबुलेंस के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसका सहायक फरार है।

 

भतरौंजखान के एसओ मदन मोहन जोशी ने बताया कि

हूटर बजाते हुए तेज रफ्तार से एक एंबुलेंस सोमवार देर शाम को जा रही थी, इसलिए रात के वक्त पहाड़ के रास्ते पर संभालकर चलने की हिदायत देने के लिए एंबुलेंस को रोका गया।

 

एंबुलेंस को रोकने के बाद आरोपी ड्राइवर ने बेड पर मरीज होने की बात कही। बातचीत के दौरान पुलिस को ड्राइवर और उसके सहायक पर शक हुआ। एंबुलेंस में कोई मरीज और तीमादार न देखकर शक और गहराया। पूछताछ पर चालक ने मरीज लेकर रामनगर जाने की बात कही।

 

पुलिस कर्मियों ने खिड़की से झांककर देखा तो मामला संदिग्ध लगा। छानबीन की तो मरीज की जगह बेड पर कट्टे रखे हुए मिले। शुरुआत में आरोपी ने कट्टे में सब्जियां होने की बात कही। पुलिस से खोलकर देखा तो कट्टों में गांजा बरामद हुआ। आरोपी बहाना बनाते रहे।

 

 

गाड़ी की तलाशी लेने की बात कहते ही ड्राइवर का सहायक घबराकर बहाना बनाते रहे, चैकिंग के दौरान एंबुलेंस में मरीज की जगह 16 कट्टों में 218 किलो गांजा भरा हुआ था। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम रोशन लाल पुत्र चमन लाल (38) जबकि फरार व्यक्ति का धर्मेन्द्र पुत्र राजेन्द्र निवासी ग्राम स्युन्सी थाना थलीसैंण जिला पौड़ी गढ़वाल बताया। आरोपी ने बताया कि यह एंबुलेंस ब्लॉक बीरोंखाल पौड़ी के लिए एनजीओ के माध्यम से अधिकृत है।

 

मौके पर पहुंचे सीओ रानीखेत तिलक राम वर्मा की देखरेख में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी है।

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