जिला विकास प्राधिकरण की कार्यशैली से क्षेत्र के लोगों में बड़ा आक्रोश – भीमताल

मुख्यमंत्री, कुमाऊँ आयुक्त, जिलाधिकारी के शक्त आदेशों उपरांत भी प्राधिकरण विभाग नहीं कर रहा है एक दशक बीत जाने पर भी महायोजना में सरलीकरण और नहीं दे रहा है स्थानीय लोगों को नक्शे पर छूट

 

बेरोजगार संघ अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता बृजवासी ने कहाँ विभाग की मनमानी क्षेत्र के स्थानीय लोगों के लिए अभिशाप बन गई है, शीघ्र ही विभाग सभी के हित में महायोजना पर सुधार एवं नक्शे में छूट का फैसला नहीं लेता तो मजबूरन विभाग से पीड़ित लोगों के साथ धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा जिसका जिम्मेदार प्राधिकरण विभाग होगा।

 

 

नगर पंचायत भीमताल के अंतर्गत जन्म से रह रहे लोगों को अपनी ही निजी भूमि में आवास एवं रोजगार निर्माण संबंध में विकास प्राधिकरण विभाग से आ रही सभी दिक्कतों को दूर करने को अतिशीघ्र कहा, भीमताल नगर पंचायत के अंतर्गत सभी वार्डो के गरीब एवं मध्यम वर्गीय स्थानीय लोगों को अपनी ही भूमिधरी जमीन पर आवास एवं रोजगार निर्माण में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, विभाग की तानाशाही की वजह से शहर में गरीब एवं मध्यम वर्गीय स्थानीय लोगों के परिवार संयुक्त होते जा रहे हैं, स्थानीय गरीब, मजदूर, किसान वर्ग का कहना है कि पहले तो मकान बनाना हमारा सपना ही रह जाता है फिर भी मुश्किल या कर्जे से बड़ी गुंजाईश के बाद हम कमरा बनाने की सोचते भी है तो प्राधिकरण विभाग आसियाना या रोजगार निर्माण अपनी ही जमीन में नहीं करने देता, संपूर्ण नगर क्षेत्र के परिवारों का गहन अध्ययन करते हुए उनकी पीड़ा और यथा स्थिति को जानकर जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता बेरोजगार संघ अध्यक्ष पूरन चंद्र बृजवासी ने अब तक कई बार मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव, कुमाऊँ आयुक्त, जिलाधिकारी आदि को 6 सूत्रीय मांगों, प्राधिकरण महा योजना में सरलीकरण, नगर की गरीब एवं मध्यम वर्गीय जनता को नक्शे शुल्क पर छूट, विभाग से पीड़ित जनता की परेशानी आदि के संबंध पर पत्र भिजवा चुके हैं, उन्होंने माँग करते हुए कहाँ कि हमारे नगर के सभी वार्डो में जिला विकास प्राधिकरण से अनेक कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है, जिसमें हमारे नगर के थपलिया मेहरा गाँव, नौल, बिजरौली, मेहरा गाँव, खुटानी, शिलौटी, चौहान पाटा आदि क्षेत्रों में भूमिधरी का अधिकार जिन व्यक्तियों को है वे अपनी ही निजी भूमि में अपना आवास या रोजगार हेतु निर्माण नहीं कर सकते है , लोग विभाग की इस नाइंसाफी से काफी परेशान है, संपूर्ण नगर की मनोदशा वो लोगों की पीड़ा को देखते हुए बृजवासी ने प्राधिकरण विभाग से महायोजना सरलीकरण, नक्शे में सुधार को कहाँ, जो इस प्रकार हैं..

 

 

1: पर्वतीय क्षेत्र में भूमि समतल नहीं होने, ढलान तथा उबड़-खाबड़ खेत होते हैं जिसके कारण रास्तों की चौड़ाई सभी स्थानों पर 2 मीटर मिलना सम्भव नहीं है, एसी जगहों पर पार्किंग स्थलों व रास्तों पर छूट प्रदान किया जाना उचित होगा l

2 : आवासीय भवनों में 250 वर्ग मीटर के प्लॉट में पार्किंग पर छूट दिया जाना उचित होगा क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में भूमि सीढ़ी नुमा होती है जिसके कारण कई प्लाटों तक सीढियों द्वारा उतरा और चढ़ा जाता है l

3 : स्थाई निवासियों को जो जमीन रोड साईड में है जो प्लॉट रोड के स्तर से नीचे स्तर पर है उन पर मानचित्र सड़क स्तर से केवल 1.20 मीटर अनुमान्य है, जो कि नीतिगत नहीं है, यदि स्थानीय लोगों की भूमि सड़क किनारे है उस पर स्थानीय व्यक्ति रोजगार, जलपान गृह या दुकान नहीं बना सकता है, इस नियम को संशोधित किया जाना रोजगार के दृष्टिकोण से उचित होगा l

4 : नगर पंचायत भीमताल के अंतर्गत स्थाई निवासियों की भूमि पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण मार्ग की चौड़ाई 2 से 1.5 मीटर ही होती है, जिसके कारण भवन निर्माण रोजगार हेतु ‘होम स्टे’ निर्माण में परेशानी होने के साथ-साथ ‘बैंक से लोन’ प्राप्त होने में भी अड़चन होती है, इस नियम का भी सरलीकरण किया जाना आवश्यक है l

5 : नगर भीमताल के नौ वार्डो के अंतर्गत पूर्व की महायोजना में चढ़े शिक्षा क्षेत्र, वन क्षेत्र (ग्रीन जॉन) , क्रीड़ा, हेल्थ जॉन, कृषि, कार्यालय जॉन आदि से स्थानीय भूमिधरी काफी परेशान से है, वो अपनी ही जमीन में रोजगार निर्माण या आवास निर्माण करने से वंचित है, जबकि ये “महायोजना” 2011 में समाप्त हो चुकी हैं, इस नियम पर सुधार क्षेत्रवासियों के हित में होगा l

6 : नगर मध्य जन्म से रह रहे परिवारों को संयुक्त परिवार होने पर भवन निर्माण, रोजगार निर्माण में विशेष छूट देना जनता के हित में होगा l

उन्होंने बताया माँग पर मुख्यमंत्री, कुमाऊँ आयुक्त एवं जिलाधिकारी के निर्देश होने के बाद भी प्राधिकरण विभाग, टाउन प्लानर विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे है और नगर भीमताल की जनता विभाग की मनमानी से परेशान हैं, अतिशीघ्र विभाग से सुनवाई नहीं हुई तो विभाग से सताये लोगों को लेकर होगा प्राधिकरण विभाग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और इसका जिम्मेदार भी प्राधिकरण विभाग ही होगा l

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