UKSSSC पेपर लीक प्रकरण का एक और खुलासा, 04 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र का मालिक अरेस्ट, यहां 40 से अधिक हुए परीक्षा

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती के पेपर लीक मामले में एक नया खुलासा किया है। मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नकल माफिया के एक नए गठजोड़ का पर्दाफाश हुआ है। साथ ही नकल के नए सेंटर का भी भंडाफोड़ हुआ है।

 

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने वीपीडीओ परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी शशिकांत, हाल निवासी हल्द्वानी को गहन पूछताछ और पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। ये एसटीएफ की 27वीं गिरफ्तारी है।

 

एसटीएफ टीम ने नैनीताल के डिंगता रिजॉर्ट धनाचूली बैंड में नकल कराए गए 35 छात्रों को भी चिन्हित कर लिया है।

 

अभियुक्त के अपने खुद के 04 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र हल्द्वानी, अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़ में खोले हुए हैं। इन परीक्षा केंद्रों में अब तक जानकारी के अनुसार 40 से अधिक परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं।

 

उत्तरप्रदेश के नकल माफिया शशिकांत पर उत्तराखंड में वर्ष 2013 में सीटीईटी परीक्षा में नकल कराने पर हल्द्वानी में भी मुकदमा दर्ज है।

 

वहीं इससे पहले शनिवार को एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि, वर्तमान में एसटीएफ टीम द्वारा वीडिओ भर्ती परीक्षा से संबंधित मुकदमे की विवेचना की जा रही है। जिसमें पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों एवं अन्य गवाहों के बयानों में यह साक्ष्य प्राप्त हुए हैं कि 26 सितंबर 2021 को सचिवालय रक्षक भर्ती आयोजित हुई जिसमें भी कई अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले उपलब्ध हो गया था।

 

 

सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा जांच करने के आदेश दिए गए थे एवं उक्त आदेश पर एसटीएफ टीम द्वारा सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा की जांच की गई। जांच उपरांत परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के साक्ष्य प्राप्त हुए एवं एसटीएफ टीम द्वारा दिनांक 24 अगस्त 2022 को थाना रायपुर पर मुकदमा अपराध संख्या 351 धारा 420 467 468 471/120 आईपीसी एवं 9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम पंजीकृत कराया गया।

 

विवेचना के दौरान यह भी प्रकाश में आया कि, सचिवालय रक्षक भर्ती में कुल 33 पद हैं एवं कुल 66 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, शारीरिक परीक्षा होनी अभी शेष है।

सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा के संबंध में की जा रही विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि, सचिवालय रक्षक का प्रश्न पत्र आयोग द्वारा ही आयोग बिल्डिंग में लगी प्रिंटिंग मशीनों में छपवाया गया था, जिसका टेंडर आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी प्रदीप पाल एवं उनकी टीम परीक्षा की तिथि से एक सप्ताह पूर्व आयोग में प्रश्न पत्र सैट करने / छपवाने के लिए आयोग की प्रिंटिंग प्रेस में रायपुर में आए थे। जहां पर प्रदीप पाल द्वारा पेनड्राइव के माध्यम से यह पेपर चुराया गया था।

 

 

 

एसटीएफ टीम द्वारा आयोग में जिस जगह पर पर प्रश्न पत्र छापा गया था, उस जगह का निरीक्षण किया गया एवं जिस लैपटॉप में प्रश्न पत्र तैयार किया गया था, वह लैपटॉप कब्जे में लिया गया है एवं जिस दिन पेपर छपाई का कार्य चल रहा था, उस दौरान की सीसीटीवी (फुटेज जो आयोग द्वारा संरक्षित की गई थी) को कब्जे में लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया, जिसमें पेपर निकालने की पुष्टि हुई है।

 

विवेचना के दौरान कुछ ऐसे अभ्यर्थी चयनित किए गए एवं उनके बयान अंकित किए गए जिनको प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही उपलब्ध हो गया था। विवेचना के दौरान आधार साक्ष्यों के आधार पूछताछ के बाद अभियुक्त प्रदीप पाल को गिरफ्तार किया गया है।

 

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गिरफ्तार अभियुक्त : प्रदीप पाल पुत्र गया प्रसाद निवासी ग्राम बलीपुर थाना हैदरगढ़ जिला बाराबंकी उत्तर प्रदेश’ ’उम्र 24 वर्ष’

 

गिरफ्तार अभियुक्त प्रदीप पाल द्वारा अपनी पूछताछ में बताया गया कि आयेग बिल्डिंग में पेपर छपने के दौरान मौका पाकर पेनड्राइव के माध्यम से प्रष्नपत्र चुराया गया था एवं यह प्रश्न पत्र पेनड्राइव के माध्यम से ही चुराने के बाद उसके द्वारा जयजीत दास को दिया गया था।

अभियुक्त प्रदीप पाल वर्ष 2017 से आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस लिमिटेड का कर्मचारी / कम्प्यूटर ऑपरेटर है जो कंपनी के प्रिंटिंग प्रेस संबंधी कार्य देखता है एवं देहरादून में पाम सिटी में कंपनी के फ्लैट में रहता था

अभियुक्त द्वारा अपनी पूछताछ में अहम जानकारी दी गयी है जिसकी पुष्टि की जा रही है।

 

 

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