पीएमजीएसवाई की लापरवाही से खतरे में आई आम जनता, मलबा नदी में डालने से बनी 100 मीटर लंबी झील, झील के टूटने से हो सकता है बड़ा नुकसान।
देहरादून – देहरादून जिले के डोईवाला विकासखंड स्थित शीला चौकी के पास सिंधवाल गांव के शिबूबाला में जाखन नदी में झील बनने का सूचना मिलते ही शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया।
जिसके बाद तमाम सम्बन्धित विभाग के अधिकारी शिबूवाला में बनी झील का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के बाद झील बनने की वजह इठरना- कार्बन मोटर मार्ग को बताया जा रहा है। जिसकी कटिंग कर मलवा जाखन नदी में गिराया जा रहा है और नदी में इस मलवे की वजह से बड़ी चट्टान बन गई है। जिसकी वजह से नदी का पानी एक जगह इकट्ठा होकर झील का स्वरूप लेने लगा है।
बता दें कि वर्ष 2019 में डोईवाला के इठारना गांव से टिहरी जिले के कुखई गांव तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 12 किलोमीटर मोटर मार्ग बनाए जाने का कार्य पीएमजीएसवाई टिहरी द्वारा शुरू किया गया था। जिसका पांच किलोमीटर हिस्सा देहरादून की थानों रेंज में और सात किलोमीटर हिस्सा नरेंद्र नगर वन प्रभाग के अंतर्गत है। इस सड़क का कार्य शुरू होते ही कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े किए थे और सड़क कटिंग का मलवा नदी में न गिराए जाने की मांग की थी। साथ ही डंपिंग जॉन बनाकर मलवा एकत्रित करने का सुझाव भी दिया था। लेकिन विभाग और ठेकेदार की लापरवाही की वजह से यह मलवा अब लाखों जिंदगी पर खतरे का सबब बन चुका है। क्योंकि नदी में मलवे की वजह से झील बन चुकी है और इस क्षेत्र में तेज बारिश होती है। तो इस झील में स्वाभाविक रूप से भारी मात्रा में पानी इकट्ठा होगा और अगर यह पानी मलवे की दीवार को तोड़कर निकलेगा तो दर्जनों गांव को नुकसान हो सकता है।
बता दें कि इठारना कालबन सड़क की कटिंग का मलबा जाखन नदी में गिरने से बनी इस झील की सूचना मिलते ही देहरादून जिला प्रशासन सतर्क हो गया और मौके पर तमाम विभाग के अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया है।
सूचना पर सिंचाई विभाग देहरादून, पीएमजीएसवाई नरेंद्र नगर और देहरादून, डोईवाला तहसीलदार के साथ एडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची।
सिंचाई विभाग के एक्शन डीसी उनियाल ने बताया कि यह झील 100 मीटर लंबी, 23 मीटर चौड़ी, और लगभग 15 फिट गहरी है। और प्रशासन के दिशा निर्देशों के बाद झील के पानी की निकासी को सुचारू किया गया है।
वहीं पीएमजीएसवाई इस पूरे मामले को पहाड़ का प्राकृतिक मलवा बताकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है, और नदी से इस मलवे की सफाई करने की बात कर रहा है, जबकि इस झील के पास भारी मात्रा में आए इस मलवे को हटाने के लिए जेसीबी का पहुंचना नामुमकिन है।