30 किलोमीटर पैदल चलकर पार किया बॉर्डर, यूक्रेन बॉर्डर पार कर पौलेंड पहुंचे उत्तराखंडी युवक, साझा किए अपने अनुभव

Devbhumilive Uttarakhand Garhwal srinagar Report Tanuj Badoni
श्रीनगर गढ़वाल- श्रीनगर हौसले व वतन पहुंचने की जिद के चलते आखिर यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड गढ़वाल के छह युवक आखिर पौलेंड में दाखिल हो गये है। पौलेंड में पहुंचने के बाद इन युवाओं ने राहत की सांस ली है। अब कुछ दिन पौलेंड में ठहरने के बाद ये युवक भारत वापस आयेंगे।
 यूक्रेन बॉडर तक पहुंचने के लिए इन युवाओं ने 30 किलोमीटर की पैदल दूरी तय की। ये सभी यूक्रेन में होटलियर्स हैं। टिहरी जनपद के  रहने वाले अंकित के साथ, पौड़ी, देहरादून व उत्तरकाशी के अन्य युवक भी है। अंकित ने बताया कि ये सभी रोजगार की तलाश में यूक्रेन गये थे। यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद जारी एडवाइजरी के अनुसार इन लोगों ने यूक्रेन छोड़ने का निर्णय लिया।
अंकित पश्चिमी यूक्रेन के सबसे बड़े शहर ल्वीव में एक रेस्टोरेंट में मास्टर सेफ का कार्य कर रहे थे। यूक्रेन में बढ़ते युद्ध के चलते उन्होंने अपने साथियों के साथ यूक्रेन छोड़ने का निर्णय लिया। इसके लिए वे ल्वीव से पौलेंड बॉडर के लिए निकले। यहां से वे टेक्सी के माध्यम से पौंलेंड के लिए रवाना हुए लेकिन उन्हें पौलेंड बॉडर से तीस किलोमीटर पहले ही रोक दिया। यहां से इन युवाओं ने पैदल ही पौलेंड बॉडर जाने का निर्णय लिया व 30 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर बॉडर तक पहुंचे। बॉडर पर भारी भीड़ होने के चलते जैसे तैसे वहं यहां से निकले। यहां से उन्हें 15 दिनों का पौलेंड का वीजा मिला है। वीजा मिलने के बाद वे ट्रेन से पौलेंड पहुंच गये है। अंकित के साथ सोहन सिंह, नीरज, देवेन्द्र सिंह, पंकज सिंह, अनूप सिंह आदि हैं। अंकित बताते हैं कि यूक्रेन के कीव में न्यू बॉम्बे प्लेस रेस्टोरेंट में हर दिन भारत के 200 से अधिक युवाओं को निशुल्क भोजन करवा रहा है। जो भी भारतीय नागरिक बॉम्बे प्लेस में आता है वहां के मालिक उन्हें निशुल्क भोजन करवा रहे हैं।

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