20 घंटे बाद पुलिस ने गौला नदी से बरामद किया नदी में बहे दूसरे किशोर सुधीर का शव, घर में मचा कोहराम..
हल्द्वानी : बीते दिन रविवार को गौला नदी में दो किशोर पानी के तेज बहाव में बह गए थे जिसमें से एक किशोर युवराज को पुलिस ने पानी में से निकाल लिया था जिसको बेस अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, वहीं सोमवार को कड़ी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ टीम ने साथ में बहे दूसरे किशोर सुधीर का शव बरामद कर लिया है।
गौला नदी हल्द्वानी में बहे किशोर का शव 20 घंटे बाद गौला बैराज से बरामद हो गया है। सुबह पांच बजे से चले सर्च अभियान के दौरान एसडीआरएफ और पुलिस ने सफलता मिली। सोमवार सुबह करीब 11 बजे जब काठगोदाम गौला बैराज के गेट रोज़ाना की तरह खोले गए तो सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने देखा कि गेट के पास किसी की लाश फंसी हुई है। यहां पर मौजूद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। काठगोदाम थाने के एसओ प्रमोद पाठक, मल्ला चौकी प्रभारी फिरोज आलम, एसआई मनोज कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से सुधीर गौड़ के शव को बाहर निकाला। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भेज दिया गया है। इधर, स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है।
रविवार को अपराह्न तीन बजे वेलेजली लाज निवासी 16 वर्षीय युवराज व उसका दोस्त सुधीर उर्फ गोलू अपने पांच अन्य दोस्तों के साथ नहाने के लिए चित्रशिला घाट रानीबाग के पास गौला नदी में नहाने के लिए गए थे। नहाने के दौरान युवराज और सुधीर नदी के तेज प्रवाह में बह गए थे।
कुछ देर बाद पुलिस ने युवराज को नदी से बाहर निकाला। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। वहीं सुधीर का कुछ पता नहीं चल सका था। देर रात आठ बजे तक एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें नदी में सर्च अभियान चलाते रहे। अंधेरे के चलते अभियान को रोकना पड़ा था।
मल्ला काठगोदाम चौकी इंचार्ज फिरोज खान ने बताया कि सोमवार सुबह पांच बजे से सर्च अभियान शुरू कर दिया गया था। बैराज के आसपास किशोर की तलाश की जा रही थी। उन्होंने बताया कि बैराज का एक गेट हल्का खोलने पर सुधीर का एक हाथ दिखा। लकड़ियों में फंसने से वह नदी के नीचे डूब गया था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
तीन भाइयों में दूसरे नंबर का है सुधीर
सुधीर तीन भाइयों में दूसरे नंबर का है। एमबी इंटर कालेज में वह 10वीं का होनहार छात्र है। उसके गौला में बहने से स्वजनों में कोहराम मचा है। उसके पिता मजदूरी का काम करते हैं और मां गृहणी है।
युवराज के पिता स्व. हरीश जोशी की मौत भी सात साल पहले हल्द्वानी में नहर में डूबने से हुई थी। युवराज अपने घर में इकलौता बेटा था। उसकी एक बहन भी है। बहन हल्द्वानी में अपने ताऊ के साथ रहती है। मां दीपा जोशी एक साल पहले बरेली के सुभाषनगर में रहने लगी है।
बहन से राखी बंधवाने आया था
युवराज युवराज के तहेरे भाई रजत जोशी ने बताया कि रजत एक साल पहले संस्कृत स्कूल में पढ़ता था। इसके बाद वह अपनी मां के साथ बरेली चला गया था। उसकी बहन निशा जोशी हल्द्वानी में रहकर 12वीं में पढ़ती है। रक्षा बंधन पर युवराज अपनी बहन से राखी बंधवाने के लिए आया था। तब से वह यहीं था।