कांग्रेस ने जन की ट्रेन रानिखेत एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति ट्रेन सहित पैसेंजर को रद्द किए जाने का विरोध किया।
Devbhumilive Uttarakhand Haldwani Report News Desk
हल्द्वानी – कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने काठगोदाम रेल्वे स्टेशन से चलनी वाली रानिखेत एक्सप्रेस ट्रेन को 1 दिसंबर से रद्द किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार उद्योगपतियों व पूँजीपतियों की कठपुतली बनकर रह गई है।
इतने सालों में ऐसा कभी भी नहीं हुआ कि रानिखेत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन कोहरे के नाम पर इस तरह बाधित हुआ हो। मगर अपने चहेते पूँजीपतियों की महंगी निजी ट्रेनों के मार्ग में रोढ़ा समझ सरकार ने आमजन की ट्रेनों को रोक लगाकर उनका रास्ता साफ कर दिया। भाजपा सरकार पूँजीपतियों की सरकार है।
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि जो रानिखेत एक्सप्रेस ट्रेन उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल की लाइफ लाइन( जीवन रेखा) है उसे कोहरे के नाम पर रद्द कर भाजपा सरकार ने प्रदेश के पर्यटन, रोजगार, तीर्थाटन, व्यवसाय को भारी झटका दिया जिससे साफ हो गया कि भाजपा सरकार दिल्ली जैसे महानगरों में संचालित हो रही हमसफर जैसी प्राइवेट ट्रेनों जिनका किराया आम जन की पहुँच से परे है। उन प्राइवेट ट्रेनों के रूट में रुकावट ना हो सके इसलिए आम जन की ट्रेन रानिखेत एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति ट्रेन सहित पैसेंजर को बंद कर अपने चहेतों को लाभ पहुँचाना चाहती है।
रानिखेत एक्सप्रेस ट्रेन, संपर्क क्रांति ट्रेन रेलवे का बहुत बड़ा आय का श्रोत है जिससे रेलवे अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति होती है। बावजूद इसके सरकार महज अपने चाहतों की ट्रेनों की लाइन क्लीयरेंस करने के लिए आम जन की ट्रेनों को रोक रही है जिससे उत्तराखण्ड व रेलवे को भारी राजस्व की हानि होगी।
दीपक बल्यूटिया ने कहा इन ट्रेनों से लाखों लोग देश के विभिन्न भागों से पर्यटन, तीर्थ स्थल में दर्शन के लिए आते हैं जिससे युवाओं, टैक्सी संचालकों, नाविक, चाय के दुकानदार, होटल व्यवसाय से जुड़े लोग, व्यापारी वर्ग, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कार्य कर रहे लोगों को रोजगार मिलता है। साथ ही राज्य को राजस्व की प्राप्ति होती है। रोजगार के लिए पलायन कर परदेश में रह रहे लोगों को भी पहाड़ में अपने परिवार जनों को जोड़ती है यह ट्रेन। उत्तराखण्ड एक सेना प्रधान प्रदेश है जहाँ पहाड़ों में लगभग हर दूसरे-तीसरे परिवार से कम से कम एक सदस्य सेना में है जो इन ट्रेनों के माध्यम से ही अपने परिवार से मिलने आते- जाते हैं। बीमारी से ग्रसित लोगों को यदि बेहतर इलाज के लिए दिल्ली या अन्य बड़े अस्पतालों में भी सहायक ट्रेनों को बंद करना न्यायोचित नहीं है।
काठगोदाम-मुरादाबाद पेसेन्जर ट्रेन एवं काठगोदाम-काशीपुर-मुरादाबाद ट्रेनें जो कि काठगोदाम स्टेशन से संचालित होती थी, इन दोनों ट्रेनों का संचालन वर्तमान में आपदा के नाम पर बंद कर दिया गया है। चूँकि यह दोनों ट्रेनें आम लोगों के आवागमन का सबसे सुलभ माध्यम थी। अब यह दोनों ट्रेनें बंद होने से आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता के हित में इन दोनों ट्रेनों को संचालित किया जाना नितान्त आवश्यक है।