गौलापार के किसानों ने 15 दिन में वह कर दिखाया जो शासन- प्रशासन, सिंचाई विभाग 2 महीने में नहीं कर पाए।

Devbhumilive Uttarakhand Haldwani Gaulapar Report News Desk

हल्द्वानी – बीते कुछ महीने पूर्व उत्तराखंड में हुई बारिश से आई तबाही ने बहुत नुकसान किया।  इस आपदा में गौलापार की सिंचाई नहर भी टूटकर बह गई थी। उस आपदा से टूटी नहर को ठीक शासन प्रशासन सिंचाई विभाग 2 महीने में नहीं कर पाया वह गौलापार के किसानों ने 15 दिन में श्रमदान करके कर दिखाया। किसानों में अपनी मेहनत से अपने खेतों में पानी पहुंचाने का काम किया है। नहर टूट जाने से किसानों को खेती के लिए पानी नहीं मिल रहा था। खती ही क्या पीने के लिए भी पानी कोसो  दूर जाकर पानी लाकर पिया जा रहा था।  टूटी नहर का निर्माण ना होने से किसानों की दिनों  दिन  खेत में बोई फसल सूख रही थी जानवरों के लिए पानी दूर-दूर से लाकर पिलाया जा रहा था। गेहूं की फसल 1 महीने पीछे हो गई। इसलिए किसानों ने एकजुट होकर श्रमदान करके नहर का निर्माण कर पानी अपने घर तक पहुंचाया।

शायद  किसान अगर नहर पुनर्निमाण हेतु शासन प्रशासन और सिंचाई विभाग और क्षेत्रीय विधायक के भरोसे रहता तो पूरा गौलापर क्षेत्र में सूखा पड़ जाता खेत के खेत सूख जाते, फसलें सूख जाती, खेत बंजर पड़ जाते। जानवर प्यासे मर जाते। लेकिन सभी किसानों ने हिम्मत जुटाकर एक जुट होकर अपना तन मन धन लगाकर फिर से नहर का निर्माण कर सूखा पड़ने से बचा लिया।
इन लोगों की अहम भूमिका अर्जुन बिष्ट पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य ग्राम प्रधान हीरा सिंह बिष्ट, बालकिशन सुयाल, महेश कर्नाटक, चंदन राणा, हरपाल सिंह राणा, जगदीश बिष्ट, चंदन नैथानी, बसंत सनवाल, राजेश डालाकोटी, महेंद्र कश्यप, अमरपाल, पान सिंह राणा, खीम सिंह, सोनू बृजवासी आदि लोग मौजूद थे

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