शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला पंचतत्व में हुए विलीन, बेटियों ने नम आंखों से दी मुखाग्नि।

हल्द्वानी – 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला एवलॉंच में शहीद हो गए थे और 38 साल बाद सेना ने उनके पार्थिव शरीर को खोज निकाला है। सियाचिन में शहीद चंद्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया, इससे पहले उनका पार्थिव शरीर डहरिया, धानमिल स्थित उनके आवास पर पहुंचा। जहां राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्य, सैनिक कल्याण गणेश जोशी, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, डीएम नैनीताल धीराज गर्भयाल, एसएसपी पंकज भट्ट, एसडीएम मनीष कुमार समेत क्षेत्र के लोगों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।

जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को स्थित चित्रशिला घाट के लिए लेकर जाया गया, वहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, चंद्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर को उनकी दोनों बेटियों ने नम आंखों से मुखाग्नि दी इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन के साथ में सेना के अफसर मौजूद रहे।

 

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