देवभूमि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में जुटे मंत्री धन सिंह रावत, अधिकारियों के साथ की बैठक
उत्तराखंड राज्य को नशा मुक्त बनाने की कवायद को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सर्किट हाउस काठगोदाम में चिकित्सा, उच्च शिक्षा, शिक्षा, शिक्षा समाज कल्याण के साथ ही जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में राज्य को नशा मुक्त बनाए जाने पर चर्चा की गई व सभी के सुझाव लिए गए जिसका निष्कर्ष यह रहा कि नशा मुक्ति के लिए वृहद जन जागरूकता अभियान के साथ ही अभिभावकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड राज्य को नशा मुक्त बनाए जाने के लिए आवश्यक है की नशा को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए, राज्य के समस्त डिग्री कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पॉली टेक्निक में एन्टी ड्रग सेल समिति गठित की जाए जो बच्चों को जनजागरूक करने के साथ ही निगरानी भी करेगी।
साथ ही समय समय पर इन जगहों पर आयोजित होने वाले जन जागरण सेमिनार, गोष्ठियों में मोटिवेटर को आमंत्रित कर लोगों को जागरूक किया जाए। नशे के आदी हो चुके लोगों का पुनर्वास या सुधार के लिए गैर सरकारी संस्थान की सहायता ली जाए। इन संस्थानों की सहायता से नशे की प्रवृत्ति से बाहर आ चुके लोगों को ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाए जो अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत का कार्य करे। इसके साथ ही समस्त कोचिंग सेंटर, केमिस्ट संचालकों को भी बैठक के माध्यम से जागरूक किया जाए।
बैठक में मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सीएमओ को 18 से अधिक आयु वर्ग के 20 हजार लोगों का रक्तदान हेतु पंजीकरण का लक्ष्य दिया। इसके लिए चिकित्सा, उच्च शिक्षा, शिक्षा, समाज कल्याण, पंचायत व पुलिस विभाग के माध्यम से लोगों को जनजागरूक करने को कहा जिससे की रक्तदान जिसे सबसे बड़ा महादान कहा गया है उसके लिए इच्छुक वर्ग अपना ऑनलाइन पंजीकरण करा सके। उन्होंने कहा कि पंजीकरण का उद्देश्य है कि आवश्यकता पड़ने पर सम्बन्धित की सहायता से दूसरे का जीवन बचाया जा सके।