नशे के खिलाफ युवाओं को जागरूक करने हेतु आयोजित मैराथन शनिवार को हुई सम्पन्न।

Devbhumilive Uttarakhand Haldwani Report News Desk
हल्द्वानी –  नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए देवभूमि जन चेतना मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम मैराथन शनिवार को जस गोविन्द स्कूल में संपन्न हुई।
शनिवार को नशे के खिलाफ हुई कुमाऊँ हाफ मैराथन में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अर्जुन अवार्डी दीपक ठाकुर, बलजीत सिंह, ओलम्पियन आर एस रावत, IAS प्रतीक जैन,पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र,संस्था के अध्य्क्ष विकास भगत, कोतवाल अरुण सैनी, डॉ नीलाम्बर भट्ट ने वन्दे मातरम गा कर सुभारम्भ किया।
 कुमाऊं हाफ मैराथन में 15 किलोमीटर में विजेता रहे दर्शन सिंह। द्वितीय स्थान प्राप्त किया हरीश नेगी। तृतीय स्थान पर आनंद सिंह रहे।  वहीं महिला वर्ग में प्रथम स्थान पर लक्ष्मी, द्वितीय स्थान हासिल किया एकता और तृतीय स्थान पर मनीषा रही।
7 किलोमीटर में पुरुष वर्ग में दीपक भट्ट ने पहला स्थान हासिल किया। हिमांशु पडलिया द्वितीय स्थान पर रहे और प्रकाश भट्ट प्रथम तृतीय स्थान पर रहे। जबकि महिला वर्ग में आशा बिष्ट प्रथम स्थान पर,  रिया बधानी दूसरे स्थान पर, तुलसी बिष्ट तृतीय स्थान पर रहे।
2 किलोमीटर संदेश रैली दौड़ में बालक वर्ग में शुभ आदित्य पहले स्थान पर, पारस जोशी दूसरे स्थान पर, ध्रव जोशी तृतीय स्थान पर रहे जबकि बालिका वर्ग में खुशी पहले स्थान, पायल द्वितीय स्थान और प्रियानशी तृतीय स्थान पर रहे।
लगभग ढाई हजार(2500) युवाओं ने नशे के खिलाफ इस रैली में भाग लिया। सभी प्रतिभागियों को अर्जुन अवार्ड और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दीपक ठाकुर, अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी बलजीत सिंह और ओलंपियन राजेन्द्र रावत ने किया सम्मानित।
इस अवसर पर अर्जुन अवार्डी दीपक ठाकुर ने युवाओं से नशे से दूर रहने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं से खेलों की तरफ अपना रुझान बढ़ाने का आह्वान किया।
ठाकुर ने कहा की अभिभावकों को भी बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जिससे बच्चो को नशे से दूर रखा जा सकेगा।
इस अवसर पर जॉइंट मजिस्ट्रेट नैनीताल आई ए एस प्रतीक जैन ने बच्चो को संबोधित करते हुए कहा की आज नशा (Nasha ) एक ऐसी बुराई है जो परिवारों को जड़ से खत्म कर दे रही है। नशे की चपेट में आकर युवा नष्ट हो जाते हैं जिस से देश का भविष्य पर संकट उत्पन्न हो सकता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ नीलाम्बर भट्ट ने कहा की परिवार की प्राथमिकता है कि वो अपने बच्चों की संगति पर नजर रखें। बच्चों के व्यवहार में आने वाले बदलावों को नज़र अंदाज़ न करें। युवाओं को अपने रोल मॉडल्स सोच समझ कर बनाने होंगे और सिनेमा के प्रभाव से बचने के लिए अन्य मनोरंजन के साधनों को ज्यादा अपनाना होगा।
 युवाओ को खेलकूद में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। जिससे उनमें तनाव से लड़ने की इच्छा शक्ति प्रबल हो सके।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बलजीत सिंह ने कहा की समाज को भी अपने कर्तव्य को अच्छे से समझना होगा। अगर समाज में कोई ऐसी गैरकानूनी गतिविधि होती हैं तो पूरे समाज को उसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। अकेले सरकार या प्रशासन इससे निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
इस अवसर पर ओलंपियन राजेन्द्र रावत ने कहा की बच्चों में लिखने पढ़ने की आदत का विकास करना चाहिए।  बाल अवस्था से ही उन्हें स्कूल पाठ्यक्रम से अलग कुछ अच्छी किताबे जरूर पढ़ने के लिए कहे। और युवाओं को दिन में कुछ न कुछ समय पढ़ने में अवश्य देना चाहिए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र ने कहा की परिवार में बड़े लोगों से आह्वान किया की  जागरूकता के साथ बच्चों का साथ दे। वो ध्यान रखे कि घर में बच्चों के सामने नशे से संबंधित कोई गतिविधि न करें।
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक विकास भगत ने कहा की यह कार्यक्रम समाज से नशे की कुरीतियों को दूर रखने हेतु आयोजित किया गया है क्योंकि नशे से अगर आज का युवा खराब होगा तो उसका नुकसान सीधा देश को होगा। और अगर देश खराब होगा तो देश को ओलंपिक में मैडल लाने वाले युवा, सेना में जाने वाले युवा, डॉक्टर, इंजीनियरिंग अधिकारी कहा से मिलेंगे?
हम सब को देश के युवाओं को बचाने के लिए ऐसे लोगों का विरोध करना होगा जो चंद पैसे के लालच में देश के भविष्य से धोखा कर रहे है। नशा बांटना बेचना भी एक तरह का देश द्रोह है।
मैराथन को पूर्णरूप से सफल बनाने में सहयोग देने वाले लोग
इस दौरान कार्यक्रम में मंच का संचालन प्रभाकर जोशी और गौरव जोशी ने किया। मैराथन परमवीर पम्मा की देखरेख में सम्पन्न हुई। मैराथन ज्यूरी में ममता पाठक, मंजू कांडपाल, जितेंद्र पाठक प्रमुख रूप से रहे।
कार्यक्रम में वलियांटर के रूप में गुरेन्द्रजीत सिंह, कैलाश भगत, नागेश चंद, किशन दर्मवाल, दीपू नेगी,मनोज जोशी, परमवीर पम्मा, गौरव जोशी, कमल दुर्गापाल, अशोक पढालनी, श्रीकांत पांडेय, भवान सिंह बिष्ठ, मनमोहन बसेड़ा, गिरीश पढालनी, कुंदन बसेड़ा, नानू मेहरा, शिवम पांडेय, हरीश कांडपाल, नवनीत राणा, चन्द्र प्रकाश उपाध्याय, दीपू भगत, अक्षय सुयाल, मनीष आर्य, हिमांशु मिश्र, शुभांकर दर्मवाल, मयक मेहरा, भूपेंद्र मोनी, मनोज बनकोटी, संदीप मेहरा, विक्रम चिलवाल, भानु बिष्ठ, कुंदन भाकुनी, त्रिलोक निगलतिया, रोहित पांडेय, तरुण बिष्ठ, वीरेन्द्र बिष्ठ, नवीन पांडेय, दीपांशु जीना, पंकज सूर्या, हर्षित पंत, पंकज कुंजवाल प्रमुख रूप से रहे।

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