तांत्रिक से उलुओं की सुरक्षा के लिए वन विभाग मुस्तैद। सभी वन कर्मी फील्ड स्टाफ की छुट्टियां की निरस्त।

Devbhumilive Uttarakhand Haridwar Report News Desk
हरिद्वार  – एक दिन बाद 4 दिसंबर को हिंदुओ का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली है। दिवाली में जहाँ एक ओर सभी लोग घरों-मंदिरों में पूजा पाठ कर अपने और अपने परिवार के साथ साथ देश की समृद्धि की कामना करते हुए पूजा पाठ करते है।  तो वहीं मान्यताओं के अनुसार यह दीपावली का त्यौहार तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी शुभ माना जाता हैं। जिसमें तांत्रिक उल्लुओं की बलि देते है। जिस कारण  विलुप्त हो रहे इस पक्षी का बहुत बड़े पैमाने पर शिकार होता है जिसे रोकने के लिए हरिद्वार वन विभाग मुस्तैद है।
 दीपावली के अवसर पर कुछ लोग तंत्र क्रिया के नाम पर जंगली जानवरों का भी शिकार करते हैं जिनमें सबसे ज्यादा अगर किसी जंगली जानवर को निशाना बनाया जाता है तो वह पक्षी उल्लू है।
 इनकी सुरक्षा के लिए हरिद्वार वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि दीपावली के मौके पर कुछ लोग तांत्रिक क्रियाओं के लिए उल्लू का शिकार करते है। जिसके लिए हरिद्वार वन विभाग ऐसी किसी कोई तांत्रिक घटना से उल्लूओं को बचने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
नीरज शर्मा के अनुसार हरिद्वार वनप्रभाग के लगभग 150 कर्मचारी और उनके साथ दैनिक कर्मचारियों की लगभग 45 टीमों को अलग अलग स्थानों पर वायरलैस और अन्य उपकरणों से लैस तैनात किया है जो पूरी तरह से सतर्क रहती है। जो हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार रहते है। इसकी साथ ही चौकसी बढाते हुए सभी फ़ील्ड वन कर्मियों के अवकाश को निरस्त किया गया है।

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