प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अहंकार का प्रदर्शन बताया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अहंकार का प्रदर्शन बताया
Devbhumilive Uttarakhand Haldwani Report News Desk
हरिद्वार -: शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में केदार बाबा के दर्शन किए और शंकराचार्य की समाधि का लोकार्पण किया तो वहीं ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार ने शिव मंदिर तिल भाण्डेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर रहे थे। इतना ही नहीं कांग्रेसियों ने सभी जिलों में भगवान शंकर का अभिषेक किया। कांग्रेस ने यह सब प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे को लेकर किया भगवान शंकर का अभिषेक करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भगवान शंकर की ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुँचे वहां भी उन्होंने भगवान शंकर का जलाभिषेक किया और इसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत रविन्द्र पूरी महाराज और अन्य पदाधिकारियों का सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
शिव अभिषेक के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा को अहंकार का प्रदर्शन बताते हुए और कहा कि उसका प्रसारण किया जा रहा है जो केदारनाथ की मर्यादा के विपरीत है। ,शिव के पास तो भक्त जाता है और हम भी मुख्यमंत्री रहे परंतु हमने कभी मर्यादा के बाहर कार्य नहीं किया।
अमित शाह द्वारा अपने दौरे के दौरान हिन्दू मुस्लिम की बात करने पर वे कहते है कि अमित शाह कुछ भी करें। इस समय जनता पेट, महंगाई , और बेरोजगारी और अवरूद्ध विकास की तरफ देख रही है भाजपा लाख शीर्षासन कर ले इस बार लोग बीजेपी के बहकावे में नहीं आने वाली। अब लोगों के गले गले आ गई है लोग तो उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब भाजपा को तड़ीपार कर सकें।
मंदिर में पूजा हम उनकी सद्बुद्धि के लिए कर रहे हैं और वे जनता को अपना अहंकार दिखा रहे हैं कि देखो हमारा अहंकार है हम चाहे तो परंपराओं के विपरीत भी केदारनाथ में सब कुछ कर सकते हैं। उस प्रदर्शन का लाइव प्रसारण हो रहा है। शिव के पास तो जो जाता है भक्त के तौर पर जाता है। हम भी कभी भगवान की कृपा से मुख्यमंत्री थे लेकिन एक कदम दिखा दीजिए जिसमें हमने वहां की परंपरा के विपरीत आचरण किया हो।
हरीश रावत का कहा है कि उनके लिए तो हर देवालय में हर शिवालय में त्रंबकेश्वर विराजमान है भगवान केदारनाथ विराजमान है हर जगह ज्योतिर्लिंग है। वो तो इन्हीं को अपना सब कुछ मानते हैं आज कांग्रेस ने सभी शिवालयों में जहां-जहां बारह शिवालय है। 12 ज्योतिर्लिंग है हर जिले के अंदर 12 शिवालयों में जाकर जलाभिषेक किया है। दोनों पार्टियां शिवालयों में है पर वे कहते है कि कांग्रेस भक्ति भाव की तरफ है। शिव भक्त हैं, गंगा भक्त भी हैं। और देश भक्त हैं। और वो भाजपा की तरह से तत्व नहीं निकालते हम सत्व के पालक हैं हमें अपने सब जगह सत्व नजर आता है और भाजपा वहां से तत्व निकाल लेती है,
हरीश रावत ने कहा कि जो केदारनाथ के अधूरे कार्य है पांच छह अधूरे कार्य है जो अधूरे हैं जो कांग्रेस ने गिनाए हैं उनको पूरा करें उनके लिए पैसा मंजूर करें। वे उनको पूरा तो वह नहीं कर सकते पूरा तो अब कांग्रेस की सरकार ही करेगी क्योंकि यह कुछ कर नहीं सकते अभी तो हमारी बनाई हुई चीजों के को बदलने का काम कर रहे हैं। शिलान्यास या लोकार्पण कर रहे हैं,
हरीश रावत का कहा है कि उपचुनाव के बाद तेल के दाम कम होने को उन्होंने समझा लेकिन महंगाई पर तो उसका कोई असर नहीं है जब तक आप गैस के दाम पुराने नामों पर नहीं लाते हो, खाने के तेल के भाव नहीं गिरते, तेल दाल के दाम को नियंत्रित नहीं करते हो दूसरी चीजों के जिससे आम उपभोक्ता पर भार पड़ा है। वह भार नहीं हटता है तब तक तो यह एक कॉस्मेटिक सर्जरी है कि पहले तो लूट लिया और अब लूट में से कुछ दान कर दिया।
हरीश रावत ने कहा कि वे उनके निशाने पर हैं 2016 में नहीं समझे बीजेपी ने उनकी सरकार को दलबदल करके गिराया फिर राष्ट्रपति शासन करके गिराया। तब नहीं समझे उत्तराखंड के लोग को झूठा पता नहीं क्या सीबीआई ना मेरे पास कोई एमएलए न मेरे पास कोई पैसा और न कुछ न कुछ और एक मुकदमा दर्ज कर दिया और अभी उस मुकदमे को दिखा करके अमित शाह मुझे धमकी दे रहे थे।
हरीश रावत का कहना है कि केदारनाथ में अहंकार का प्रदर्शन करने के लिए गए हैं और उस प्रदर्शन का प्रसारण हो रहा है। अहंकार दिखाने के लिए गए हैं। शिव के पास तो जो जाता है वह भक्त के तौर पर जाता है। कोई उनसे कहता तो वो कहते कि शिव के पास तो भक्त के तौर पर जाना। वह भी कभी भगवान की कृपा से मुख्यमंत्री थे लेकिन एक कदम दिखा दीजिए जिसमें उन्होंने केदारनाथ की परंपरा के विपरीत आचरण किया हो।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज का कहना है कि भगवान शिव के ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल में स्थित है और यहां समय-समय पर हरीश रावत के द्वारा पहले भी कई बार अभिषेक पूजा किया गया है मंदिर में क्योंकि सभी पार्टियों के लोग आते हैं और वे यहां आए भगवान शिव को उन्होंने जलाभिषेक किया और यहां जो संत थे उन सभी संतों का उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया यही हमारी पौराणिक परंपरा है किसी भी संत के द्वार पर जब कोई राजनेता जाता है तो वह उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखता है कुछ समय पूर्व इसमें बीजेपी के विधायक आदेश चौहान आए थे सभी लोग यहां पर आते हैं मंदिर में किसी के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है कोई पार्टी का विषय नहीं है।
केदारनाथ का जो पुनः निर्माण हुआ है वह पहले की जो सरकार थी उसने प्रारंभ किया वर्तमान राज्य सरकार ने उस को आगे बढ़ाया प्रधानमंत्री ने स्वयं निष्ठा व श्रद्धा के आधार पर उसमें रुचि ली। अच्छा विकास हुआ है जहां तक शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण का प्रश्न है और उनकी समाधि का चूंकि परिस्थितियां कुछ ऐसी रही हम लोगों को भी आमंत्रित किया गया था और संत लोगों ने सहमति दी थी लेकिन जो कि उन्होंने कहा कि दिवाली के दिन ही आप लोगों को चलना पड़ेगा तो हम लोगों ने उसके लिए असमर्थता जाहिर की थी संतों की तरफ से 2-3 प्रतिनिधि गए है। जो अखाड़ों के आचार्य हैं निरंजनी अखाड़े के आचार्य, आचार्य कैलाशानंद महाराज और आनंद अखाड़े के आचार्य बालकानंद, उनसे चर्चा भी हुई थी। चिदानंद सरस्वती महाराज गए थे। प्रतिनिधित्व उपस्थित था यह नहीं कर सकते कि नहीं था। संकेत के लिए कहे कि सन्यासी 3-4 वहां उपस्थित थे। संत का नाम लेना यह उनका अपना विषय उसमें कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।