“बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ” की बात करने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं का उत्पीड़न कोई नई बात नहीं। 20 सालों बाद भी अस्पतालों के स्थिति बदहाल- हेमा भंडारी।

Devbhumilive Uttarakhand Haridwar Report News Desk
हरिद्वार  – आप की प्रदेश महिला मोर्चा उपाध्यक्ष हेमा भंडारी ने जिला महिला अस्पताल में पहुंचकर वहां उपचार के लिए आयी हुई महिलाओं से बातचीत करी। तथा अनशनरत पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देगी तो उनके साथ आंदोलन में आम आदमी पार्टी उनका साथ देगी।
 अस्पताल की बदहाल स्थिति को देखते हुए कहा कि उत्तराखंड बने हुए 20 साल पूरे हो चुके है पर लेकिन अस्पतालों के हालात बद से बदतर हो गई है। अभी भी कोई उचित सुविधाएं नहीं है आज भी सरकार इलाज के लिये संसाधन नहीं जुटा पाई। अस्पताल में मरीजों के लिये बेड़ की व्यवस्था भी कम है। ऐसे में अगर प्रसव सड़क पर होता है तो अस्पताल की कोई जिम्मेदारी नहीं। गर्भवती महिलाओं को अधिकतर एम्स के लिये रेफर कर दिया जाता है। सरकारी अस्पताल केवल रेफर सेंटर बनकर रह गए। गरीब आदमी के लिये एम्स में टेस्ट कराने के लिये पैसा नहीं ऐसे में गरीब कहाँ जाये।
गुरुवार को गर्भवती महिला गेट के पास तड़पती रही पर उसे एडमिट नहीं किया जा रहा था क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं था ऐसे में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता है।  यही कारण है कि महिलाओं के प्रसव सड़को पर ही हो जाते है। गर्भवती महिला को हेमा भण्डारी द्वारा लेबर रूम के डाॅक्टर के सुपुर्द कर दिया गया है।
बाहर बैठे मरीजो द्वारा भी अस्पताल की बदहाली को लेकर आरोप लगाए गए। वर्तमान राज्य सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हो रही है। हर वर्ग अपने को पीड़ित और उपेक्षित महसूस कर रहा है। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात करने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं का उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है। सरकारी योजनाओं को घर घर पहुंचाने का काम आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है लॉकडाउन में भी आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय रही है परंतु आशा  कार्यकर्ताओं को उनके कार्य के अनुरूप किसी भी सुविधाओं का लाभ ना देना और पहले 20 सितंबर को बढ़ाकर 24 सितम्बर कर देना सरकार की नियति को दर्शाता है।

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