पित्र अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पितरों का तर्पण श्राद्ध किया।

Devbhumilive Uttarakhand Haridwar Report News Desk
हरिद्वार – पितृ विसर्जनी अमावस्या पर पितरों के निमित स्नान करने और तर्पण श्राद्ध आदि करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर की पौड़ी पर पहुंचे हैं। यहां गंगा स्नान करने के बाद गंगा तट पर ही अपने पितरों के निमित पूजा तर्पण आदि करवा रहे हैं। माना जाता  है कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से और पितरों के निमित पूजा करने से पितरों को मुक्ति और उनको पुण्य की प्राप्ति के साथ पित्र दोष से भी मुक्ति मिलती है।
हरिद्वार यानि हरि का द्वार, लोग यहाँ गंगा स्नान कर पुण्य कमाने के लिए आते हैं। साथ ही यहाँ पर लोग अपने पितरों की मु्क्ति के लिए भी आते हैं। हरिद्वार यदि पुण्य कमाने और मोक्ष पाने का तीर्थ है तो यह पितरों की प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने का तीर्थ भी है। पिछले 16 दिनों से पितृ यमलोक से धरती पर रह रहे है  उनको यमलोक के लिए विदा किया जाता है। लोग पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को यमलोक के लिए  विदा कर रहे हैं। माना जाता है कि यदि किसी को अपने पितरों की मृत्यु कि तिथि न पता हो तो वह पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी पितृ विसर्जनी अमावस्या पर गंगा स्नान कर गंगा तट पर अथवा श्री नारायणी शिला मंदिर में पित्रों के निमित पूजा करता है तो पितरों को मुक्ति और मोक्ष मिलता है।

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