गंगा मशाल यात्रा ऋषिकेश से शुरू होकर 26 तारीख को पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में समाप्त होगी।

हरिद्वार  – भारत सरकार के नमामि गंगे विभाग द्वारा लोगों ने गंगा की साफ-सफाई की जागरूकता को लेकर एक गंगा मशाल यात्रा अपने पहले पड़ाव में मंगलवार को हरिद्वार पहुंची। गंगा मशाल यात्रा की शुरुआत दिल्ली में 3 नवंबर को की गई जो 9 अक्टूबर से उत्तराखंड के ऋषिकेश से होती हुई विभिन्न राज्यों के अलग-अलग शहरों में पड़ाव करती हुई गंगासागर तक पहुंचेगी।
 आपको बताते चलें कि भारत सरकार के नमामि गंगे मंत्रालय द्वारा भारतीय सेना की एक टुकड़ी गंगा टास्क फोर्स के सदस्यों के नेतृत्व में एक मशाल यात्रा की शुरूआत की जिसका फ्लैग ऑफ 3 नवंबर को दिल्ली में किया गया। जोकि उत्तराखंड के ऋषिकेश जहां गंगा पहाड़ों से उतर कर मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है वहां से 8 नवंबर को शुरुआत की गई जहां से चलकर मंगलवार को यह गंगा मशाल यात्रा हरिद्वार हर की पौड़ी पर पहुंची। जिसका हरिद्वार में भव्य रूप से स्वागत किया गया। गंगा मशाल यात्रा के दौरान हरिद्वार जिलाधिकारी विनयशंकर पांडे भी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी  ने बताया कि नमामि गंगे मंत्रालय द्वारा निकाली जा रही इस गंगा मशाल यात्रा के मुख्य दो उद्देश्य है। पहला उद्देश्य हैं कि लोगों के हृदय में गंगा की स्वच्छता के प्रति अलख जगाना है तो वही दूसरा गंगा किनारे बसे लोगों की जन सहभागिता को गंगा की स्वच्छता और गंगा मिशन में अधिक से अधिक बढ़ाना। गंगा मशाल यात्रा को लेकर चल रही गंगा टास्क फोर्स के मेजर एलएन जोशी ने बताया कि 3 अक्टूबर को दिल्ली से फ्लैग ऑफ के बाद निकली यह गंगा मशाल यात्रा 8 नवंबर को ऋषिकेश से शुरू होकर 26 तारीख को पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में समाप्त होगी इस दौरान यह गंगा मशाल यात्रा करीबन ढाई हजार किलोमीटर की यात्रा तय करेगी जिसमें यह गंगा मशाल यात्रा, गंगा किनारे बसे विभिन्न प्रदेशों में से होती हुई 23 अलग-अलग जिलों में रुक कर वहां के लोगो से जनसंपर्क कर लोगो मे गंगा की सफाई के प्रति अलख जगाने का कार्य करेंगे।

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