पढ़िए इस खबर को क्यों स्कूली बच्चे बंदूकधारियों के साथ स्कूल जाने को हैं मजबूर,

रामनगर – स्कूली बच्चों की यह तस्वीर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की है जहां पर स्कूल के बच्चे बंदूक धारियों के साए में अपने घर तक पहुंचते हैं। यह तस्वीर किसी फिल्म या फिर किसी रिहर्सल या नाटक की नहीं है, यह असल जीवन की है जहां उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के रामनगर शहर के मोहन क्षेत्र में पढ़ने वाले स्कूल के बच्चों की है। जिनका जीवन वन विभाग के बंदूकधारी कर्मचारी के बीच व्यतीत हो रहा है। इन बच्चों का घर से स्कूल तक और स्कूल से घर तक का सफर वन विभाग के बंदूकधारी कर्मचारियों के बीच गुजरता है।

 

 

आखिर स्कूली बच्चे इन वन विभाग के बंदूक धारी कर्मचारियों के साथ क्यों जाने को मजबूर हैं पूरा सच क्या है आपको बताते हैं

 

नैनीताल जिले में बसा जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर से लेकर हल्द्वानी तक पूरा जंगल से घिरा है। इन जंगलों के आसपास रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ लगभग 1 दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है जिस वजह से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर कालाढूंगी और हल्द्वानी के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग दहशत के साए में जीवन जी रहे हैं। साथ ही पिछले कुछ समय से बाघ का शिकार बने लोग इसकी खौफ की गवाही देते हैं

 

 

वहीं स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि जंगल के आसपास लगातार

बाघ का खतरा बना हुआ है जिस वजह से स्कूल के बच्चों की छुट्टी और स्कूल खुलने के समय वन विभाग के कर्मचारी बच्चों के साथ-साथ बंदूक और डंडे लेकर चलते हैं जिस वजह से बच्चों को स्कूल में सुरक्षित लाया जा सके और उन्हें घर तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके।

 

 

 

 

 

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अब ग्रामीण लोगों का घर से निकलना भी खतरे से खाली नहीं है पिछले कुछ समय में हल्द्वानी और रामनगर के क्षेत्रों में लगभग एक दर्जन लोगों को अब तक बाघ ने अपना शिकार बना चुका है

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