72 घंटे पहले भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाले सभी पुल सील कर दिए जाएंगे।

Devbhumilive Uttarakhand Pithoragarh Report Majoj chand
पिथौरागढ़: मतदान से 72 घंटे पहले भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाले सभी पुल सील कर दिए जाएंगे। इसके अलावा अराजक तत्वों की घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी और पुलिस के जवान सीमा पर पेट्रोलिंग कर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करेंगे। बॉर्डर पुल सीज करने की तैयारियों को लेकर सभी सम्बंधित सुरक्षा एजेंसियों और नेपाली एडमिनिस्ट्रेशन को चुनाव आयोग की तरफ से पत्र भेजा जा चुका है। मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद ही अंतर्राष्ट्रीय सीमा पुल को खोला जाएगा। 4 दिन तक पुल बंद होने की वजह से नेपाल और भारत के बीच आवाजाही ठप हो जाएगी। जिसे देखते हुए नेपाली नागरिकों ने अभी से भारतीय बाजारों से जरूरी वस्तुओं की खरीददारी तेज कर दी है।
मतदान दिवस को दृष्टिगत रखते हुए 11 फरवरी से 14 फरवरी तक भारत-नेपाल सीमा पूरी तरह सीज रहेंगीं। उत्तराखंड में भारत की 275 किलोमीटर की सीमा नेपाल से लगी है। इन इलाकों में दोनों मुल्कों के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते सदियों से कायम हैं। यही नहीं व्यापार के लिए भी दोनों मुल्क एक-दूसरे पर निर्भर है। उत्तराखंड में भारत और नेपाल की बीच आवाजाही के 8 रास्ते हैं, जिनमें 7 पिथौरागढ़ में जबकि 2 रास्ते चम्पावत में हैं। पिथौरागढ़ जिले की बात करें तो यहाँ भारत- नेपाल सीमा पर काली नदी में सीतापुल, ऐलागाड़, धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी, झूलाघाट और डोडा में झूलापुल और लकड़ी पुल हैं। जबकि चंपावत जिले में बनबसा और ब्रह्मदेव दो मोटर पुल हैं।
मतदान दिवस के दिन सामरिक सुरक्षा के मद्देनजर इन सभी झूलापुल और मोटरपुलों को सीज किया जाएगा। ताकि बाहरी घुसपैठ को रोका जा सके और शांति पूर्वक मतदान सम्पन्न हो।

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