उत्तराखंड में आपदा का ऐसा कहर कि चार दिन से दुल्हन कर रही है दुल्हे के आने का इंतजार। बीच राह में फंस गई बारात।
Devbhumilive Uttarakhand Tanakpur Report News Desk.
टनकपुर – उत्तराखंड में रविवार से हुई तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड में आई आपदा लोगों पर कहर बनकर बरसी है। इस आपदा में अभी भी बहुत से लोग फंसे हुए हैं। कई लोग लापता हैं। बारिश और भूस्खलन से पहाड़ों के मार्ग अवरुद्ध हो गए। कई सारी सड़के ढह गई। पुल नदी में समा गए हैं। जिससे कई लोगों का संपर्क टूट गया है। रास्ते बंद होने से लोग बीच में ही फंसे हुए है। ऐसे ही एक बारात जो टनकपुर के नायकगोठ गांव से पिथौरागढ़ के लिए निकली थी। लेकिन चार दिन बाद भी वह बारात दुल्हन के घर पिथौरागढ नहीं पहुंच पाई है। दुल्हन पक्ष के लोग चार दिन से बारात का इंतजार कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक टनकपुर के पूर्णागिरि मार्ग पर स्थित नायकगोठ गांव के निवासी मुकेश बहादुर पुत्र प्रेम बहादुर का विवाह पिथौरागढ़ सिल्थाम बस स्टेशन के निकट गोरखा कॉलोनी निवासी काजल के साथ होना तय था। विवाह का शुभ मूहर्त 18 अक्टूबर का था। और मौसम विभाग के पूर्वानुमान में 18 अक्टूबर को भारी बारिश की चेतवानी दी थी। ऐसे में 18 अक्टूबर को मौसम अलर्ट घोषित करने से मुकेश अपनी बारात को टनकपुर पिथौरागढ नेशनल हाईवे से ना जाते हुए वह बारात को हल्द्वानी भीमताल के रास्ते होते हुए पिथौरागढ़ जाने के लिए घर से निकल गए। रास्ते में ही तेज बारिश होने लगी जैसे तैसे कर बारात भीमताल तक पहुंच गई। लेकिन भारी बारिश के चलते भीमताल से आगे जाने के रास्ते बंद हो गए। ऐसे में वह बीच रास्ते में फंस गए। मुकेश के साथ बारात में 25 लोग शामिल थे। आगे जाने का रास्ता बंद हो गया था और रात हो जाने के कारण बारात भीमताल स्थित एक होटल में रूक गई। बारिश इतनी ज्यादा तेज थी की होटल में भी मलबा आ गया।
नायकगोठ के उपप्रधान ने जानकारी दी कि मंगलवार शाम तक उनकी बात लगातार हो रही थी। लेकिन बुधवार से उन लोगों से किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया। और बारात पिथौरागढ़ भी नहीं पहुँची है। वह सभी लोग अभी भी भीमताल में ही फंसे हुए हैं। और उनसे संपर्क भी टूट गया है। वहीं दुल्हन पक्ष के लोग चार दिन से बारात के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। सभी लोग लगातार बारात से संपर्क कर में लगा हुआ है।