संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्तव्य के पालन से स्वस्थ समाज की रचना होती है
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती थी। हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र मौका क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अंबेडकर ने इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें। जब सदन में इस विषय पर उन्होंने 2015 में बोला था। बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर संसद दिवस मनाने की घोषणा करते समय भी विरोध किया गया था। और यह विरोध आज ही नहीं हो रहा है, उस दिन भी हुआ था, कि 26 नवंबर कहां से ले आए, ऐसा क्यों कर रहे हो, इसकी क्या जरूरत थी। यह सब विपक्षों द्वारा कहा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है। संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है। जब राजनीतिक दल अपने आप अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो देते हैं। वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं। विविधता वाले देश में संविधान एक सूत्र की तरह है। जो सबको एक साथ बांधकर रखता है। आजादी के बाद ही संविधान दिवस की शुरूआत होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विरोध आज ही नहीं उस दौरान भी हुआ था। पारिवारिक पार्टियाँ देश के लिए चिंता का विषय है। कई दल अपना चरित्र खो चुके हैं कुछ पार्टियाँ पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार के हाथ में है। पार्टी की ब्यवस्था एक ही परिवार के हाथ में होती है। जिससे देश का विकास रूक जाता है लोकतंत्र के हित में जनता को आगे आने की जरूरत है। भ्रष्टाचारियों को सम्मान देने से बचना होगा।
महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए लोगों को कर्तव्यों के लिए भी तैयार करने की कोशिश की थी। अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद भी कर्तव्य पर उतना ही बल दिया गया होता जितना महात्मा गांधी जी ने दिया था। पीएम मोदी ने कहा महात्मा गांधी जी ने जो कर्तव्य के बीज बोए थे। वह बीज आजादी के बाद वो वट वृक्ष बन जाने चाहिए थे, लेकिन दुर्भाग्य से शासन व्यवस्था ऐसी बनी कि उसने अधिकार को ऐसे रखा की उनमें सुरक्षा की भरोसा नहीं मिल पाता था। अधिकार की बाते करके लोगों को एक अवस्था में रखा कि ‘हम हैं तो आपके अधिकार पूरे होंगे। वहीं सब अपने कर्तव्य को समझे तो देश विकास की ओर अग्रसर होगा। कर्तव्य के पालन से स्वस्थ समाज की रचना होती है। कर्तव्य के पथ पर अग्रसर होने पर अधिकार की गारंटी मिलती है। कर्तव्य का निष्ठापूर्ण पालन करने से सबका भला होगा