दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकी अशरफ अली को गिरफ्तार कर 14 दिन की कस्टडी में लिया।

Devbhumilive Uttarakhand Delhi news Desk
दिल्ली – दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि स्पेशल सेल ने लक्ष्मीनगर इलाके से सोमवार रात को पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अशरफ को किया गया। पूछताछ में आतंकी अशरफ ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पूछताछ में उसने बताया है कि वह दिल्ली में स्लीपर सेल का मुखिया था और उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग मिली थी। उसको दिल्ली आने वाले सभी आतंकियों को लॉजिस्टिक (रसद) उपकरण सहायता उपलब्ध कराने की जिम्मा मिला था। वह कुछ दिनों तक कश्मीर में रहा है और वहां कुछ आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। भारत में कई स्थानों पर वह रहा है।
दिल्ली में आतंकी हमले की बड़ी साजिश रच रहे पाकिस्तानी आतंकी को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान मोहम्मद अशरफ उर्फ अली के रूप में की गई है। यह आतंकी पाकिस्तान के पंजाब का रहने वाला है। वह आईएसआई के इशारे पर काम करता था। आतंकी के पास से अत्याधुनिक हथियार, एके-47 और ग्रेनेड  बरामद हुए हैं।
 फिलहाल पूरी साजिश को लेकर स्पेशल सेल की टीम आतंकी से पूछताछ कर रही है। कुछ दिन पूर्व दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि राजधानी में आतंकी हमला हो सकता है। इसको लेकर पुलिस आयुक्त ने सभी जिला पुलिसकर्मियों, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। तथा पुलिस टीम मिली सूचना पर लगातार काम कर रही थी और उन्होंने एक  संदिग्ध आतंकी को पकड़ा। जांच में पता चला कि आतंकी नेपाल के रास्ते दिल्ली में आया था। पुलिस का शक है कि वह त्योहारों के मौसम में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। अशरफ को लक्ष्मीनगर इलाके के रमेश पार्क के पास से सोमवार रात गिरफ्तार किया गया। इसे लेकर पुलिस टीम ने बीते आठ अक्टूबर को साजिश का एक मामला दर्ज किया था। पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि वह फर्जी आइडी पर रह रहा था। उसने अली अहमद नूरी के नाम से शास्त्री नगर का एक फर्जी आईडी बना लिया था। उसके पास से पुलिस ने फर्जी आइडी, बैग और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उसके पास से एक एके-47, मैगजीन और 60 गोलियां भी बरामद हुई हैं। एक हैंड ग्रेनेड, दो पिस्तौल और 50 कारतूस भी उसकी निशानदेही पर कालिंदी कुंज घाट से बरामद हुए। तुर्कमान गेट इलाके से एक भारतीय पासपोर्ट भी उसने बरामद किया।
पुलिस का कहना है कि त्योहारों के सीजन में वह किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा था। पुलिस टीम पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि भारत में वो लोग कौन है जो उसकी मदद कर रहे थे। वह नेपाल के रास्ते भारत किस तरह से पहुंचा और इस पूरे साजिश में उसकी मदद किसने की है। संदिग्ध आतंकी पिछले 10-15 साल से दिल्ली में रह रहा था। वह दिल्ली में स्लीपर सेल का मुखिया था और भारत आने वाले आतंकियों को हथियार और लॉजिस्टिक (रसद) उपकरण सहायता उपलब्ध करवाता था।पुलिस जांच में जुटी है कि दिल्ली में संदिग्ध आतंकी के नेटवर्क में और कौन लोग हैं। अशरफ ने अपने हथियार कालिंदी कुंज के  यमुना किनारे बालू के नीचे दबाए हुए थे। वह लोन वुल्फ अटैक की साजिश रच रहा था। पुलिस जल्द ही कई और गिरफ्तारियां कर सकती है। गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी ने जम्मू कश्मीर में कुछ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की बात भी कबूली है लेकिन दिल्ली पुलिस उसके दावों को पुख़्ता करने की कोशिश में जुटी है। पुलिस का कहना है कि आईएसआई ने अशरफ अली को इस तरह से ट्रेंड किया है कि पकड़े जाने पर वह जांच एजेंसियों को गुमराह कर सके। इसलिए जम्मू कश्मीर से संबंधित दावों को पुख्ता किया जा रहा है। उसने बताया है कि वह पीर मौलाना बनकर दिल्ली में रह रहा था और झाड़फूंक करता था। वह अलग-अलग शहरों में मौलाना बनकर रहा। उसके मोबाइल में कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं। आतंकी को बड़ा काम करने का हुक्म ISI से मिला था। इसके पास मोबाइल फोन पर ज्यादातर VOIP कॉल्स आते थे ताकि एजेंसियों की भनक न लग पाए। आतंकी के बैंक एकाउंट के बारे में तफ्तीश की जा रही है। पूछताछ में उसने बताया कि वह भारत में
 पिछले 15 सालों से रह रहा था। पहले उसने अपनी शादी से इंकार किया लेकिन बाद में बताया कि वह एक महिला के साथ रहता था, फिर बाद में उससे अलग हो गया। उसके इस दावे की जांच की जा रही है।  संदिग्ध आतंकी अशरफ अली को पुलिस ने पटियाल हाउस कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा। स्पेशल टीम ने कोर्ट से 14 दिन की रिमांड मांगी थी।

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